रामपुर के लाल

रामपुर यूपी रामपुर के  बुज़ुर्ग लोगों से बातचीत में पता चला कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके मौलाना मोहम्मद अली जौहर साहब जो रामपुर के निवासी थे जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत से आज़ादी पाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत के नाक में दम कर दिया था ,उनको  रामपुर में आने की इजाज़त नहीं थी उस समय के नवाब रामपुर ब्रिटिश सरकार के वफ़ादार थे जिन्होंने अपने आक़ा को ख़ुश रखने के लिए ऐसा आदेश पारित कर रखा था कि मौलाना मोहम्मद अली जौहर साहब रामपुर में नहीं रह सकते हैं यहाँ तक की मौलाना मोहम्मद अली जौहर साहब की बिटिया का इन्तेक़ाल हुआ तो उनकी बिटिया के जनाज़े को उन्हें रेलवे स्टेशन रामपुर में दिखाया गया उन्हें घर आने की इजाज़त नहीं दी गयी थी ।
ऐसी सूरत में आज के नवाब को कैसे ये बात हज़म होगी कि मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम पर रामपुर में कोई यूनिवर्सिटी बने ?यही वजह है कि आज के नवाब ने वर्तमान सरकार को शिकायती पत्र लिख कर उस यूनिवर्सिटी को क्षति  पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी  है । जो नवाबीन मौलाना मोहम्मद अली जौहर से इतना ईर्ष्या रखते हों की उन्हें उनकी बेटी का जनाज़ा दिखाने के लिएे रेलवे स्टेशन पर रोक दिया हो वो घराना उन मोहम्मद आज़म खा़न को कैसे बर्दाश्त कर सकता है जिन्होंने मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम से रामपुर में यूनिवर्सिटी खोली है इस देश के लोगों को नाज़ होना चाहिए कि मोहम्मद आज़म खान साहब ने उस स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम से यूनिवर्सिटी खोली है जिन्होंने 1930के गोलमेज सम्मेलन मे ब्रिटिश हुकूमत से कहा था कि " या तो मुझे आज़ाद मुल्क का परवाना दो या फिर दो ग़ज़ ज़मीन दो , मै ग़ुलाम मुल्क में जाने से बेहतर समझता हूँ कि आज़ाद मुल्क में मरूं " ।  और 4जनवरी 1931को मौलाना मोहम्मद अली जौहर साहब का निधन इग्लैंड में हो गया । 
अब रामपुर वालों और देश लोगों आप ख़ुद तय करें कि रामपुर के नवाब हक़ पर हैं या मोहम्मद आज़म खान साहब हक़ पर हैं फ़ैसला आपके हाथ में   है । मोहम्मद आज़म खा़न साहब ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम पर यूनिवर्सिटी बनवाई है अपने वालिद के नाम पर नहीं ? अपने ख़ानदान वालों के नाम पर नहीं ? उन्होंने रामपुर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना मोहम्मद अली जौहर साहब को जिन्हें नवाबों ने रामपुर से बाहर निकाल दिया था उन्हें ताक़यामत रामपुर में मोहम्मद आज़म खा़न साहब ने स्थापित कर नवाबों के सीने पर मूंग दल दिया वो नवाबीन जो उस वख़्त अंग्रेजों के साथ और उनके वफ़ादार थे वो आज भी आवाम के साथ ना होकर मौलाना मोहम्मद अली जौहर साहब के साथ ना होकर मन में ईर्ष्या पाल रखे हैं ।
मौलाना मोहम्मद अली जौहर साहब  को ताक़यामत रामपुर में क़ायम करने  के लिए मैं जाँबाज मोहम्मद आज़म खा़न साहब को दिल की गहराइयों से सलाम पेश करता हूँ