छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के 34 वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुई मा राज्यपाल महोदय उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल
कानपुर नगर दिनांक 11 सितम्बर, 2019 विश्वविद्यालयों में जो शिक्षा दी जाती है, उसको अपने जीवन में उतारना होगा। विश्वविद्यालयों में छात्राओं का हीमोग्लोबीन चैक किया जायें। हमें अपने खानपान में स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिये सुधार करना होगा। फूड टैक्नोलोजी एवं न्यूूट्रीशियन की जो शिक्षा अच्छी तरह से इस विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही है,उसको सीखते हुये अपने जीवन में अपनायें। बालिकाओं के लिये विश्वविद्यालय में एक घण्टा पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन की शिक्षा देने की व्यवस्था हों। प्रो0 एच0आर0 नागेन्द्र, जिन्हें आज मानद उपाधि से अंलकृत किया गया है, योग शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है एवं उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। मा0 राज्यपाल महोदया द्वारा छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के नवनिर्मित फनस्ट्रोक स्वीमिंग पूल का लोकार्पण किया गया तथा विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों में उच्च श्रेणी के अंक प्राप्त करने वाले छात्र/छात्राओ को स्वर्ण, रजत एवं कास्य पदक प्रदान किये गये।
उक्त उद्गार प्रदेश की मा0 राज्यपाल एवं कुलाधिपति, श्रीमती आंनदी बेन पटेल, ने आज छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के 34 वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर व्यक्त किये। उन्होंने विश्वविद्यालय में उपाद्यि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को शुभकामना देते हुए कहा कि उन्होंने जिस उद्देश्य से विश्वविद्यालय में प्रवेश किया था आज उनका वह सपना पूरा हुआ। उन्होंने छात्र-छात्राओं के आगे भविष्य की उज्जवल कामना करते हुए कहा कि प्रो0 एच0आर0 नागेन्द्र, ने योग शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है, उन्होंने भारतीय चिकित्सा अनुसधान परिसर एवं हार्डबर्ड यूनिवर्सिटी में भी कार्य किया है। प्रो0 नागेन्द्र ने योग शिक्षा के क्षेत्र में कई गम्भीर बीमारियों के अनुसधान भी किये है। उन्होंने मानद उपाद्यि प्राप्त करने पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व रोजगारपरक शिक्षा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये गये है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय विश्वविद्यालय स्तर में वर्ष-2018 में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय को 70 वाॅ स्थान व प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
उन्हांने कहा कि विश्वविद्यालयों में छात्राओं का हीमोग्लोबीन चैक किया जायें। हमें अपने खानपान में स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिये सुधार करना होगा। फूड टैक्नोलोजी एवं न्यूूट्रीशियन की जो शिक्षा अच्छी तरह से इस विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही है, उसको सीखते हुये अपने जीवन में अपनायें, जिससे कि उनका स्वास्थ अच्छा रहे। उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय द्वारा 200 छात्राओं का हीमोग्लोबीन चेक कराया गया है, जिसमें 51 प्रतिशत छात्रायें एनीमिक मिली है। उन्होंने कहा कि जब बालिकायें स्वस्थ होगी तभी कुपोषण समाप्त होगा, इसलिए हमें बालिकाओं की स्वस्थता पर विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि गर्भवस्था महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, ऐसी अवस्था में उन्हंे पौष्टिक आहार लेना चाहिए एवं स्वास्थ का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। स्वास्थ को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा आयुष्मान योजना एवं फिट इण्डिया मूवमेन्ट की शुरूआत की गई है यह सभी को स्वस्थ रखने के लिए संचालित की गई है जिसमें कुपोषित बच्चों को भी स्वस्थ रखा जा सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में ऐसा पाठ्यक्रम होना चाहिए जो व्यवहारिक दृष्टि से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं व वृद्ध माता पिता के लिए कैसा भोजन होना चाहिए, के लिए शिक्षा देकर छात्र-छात्राओं को जागरूक करना होगा। उन्होंने बताया है कि उनके द्वारा एक चिल्ड्रन यूनिर्सिटी शुरू की गयी है जिसमें गर्भवती महिलाओं का पोषण, भोजन, योग आदि की शिक्षा दी जाती है। उन्होंने पालीथीन से होने वाली बीमारियों एवं इसके दुस्प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए पालीथीन को बन्द करने के अभियान में सहयोग करने एवं पालीथीन का प्रयोग न करने का संकल्प लेने पर जोर दिया। इसी के साथ उन्होंने शादी विवाह में दहेज लेने व देने पर प्रतिबन्ध करने के लिए संकल्प लेनेे का आव्हान किया।
इस अवसर पर उन्हांेने विश्वविद्यालय के समस्त संकायों में सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के लिए आदेश कुमार को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, रजत पदक तथा विश्वविद्यालय की सर्वश्रेष्ठ छात्रा के लिए कृति गुप्ता को कुलाधिपति रजत पदक तथा विश्वविद्यालय की कु0 शैलजा तिवारी, कु0 आरती सिंह, वर्तिका यादव, शिवानी सिंह, आस्था पटेल एवं अंशिता सिंह को कुलाधिपति कांस्य पदक प्रदान किये। इससे पूर्व उन्होंने दीक्षांत समारोह का विधिवत दीप प्रज्जलन कर एवं सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण कर शुभारम्भ किया तथा विश्वविद्यालय के ई-न्यूज लेटर का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में उन्होंने परिषदीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं को स्कूल बैग भी वितरित किये तथा विश्वविद्यालय प्रंागण में वृक्षारोपण भी किया।
इस अवसर पर मुख्य अथिति प्रो0 निर्मल कुमार गांगुली, पदम विभूषण एवं पूर्व डायरेक्टर जरनल आई.सी.एम.आर. नयी दिल्ली ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों एवं शैक्षिणिक संस्थाओं के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र को विकसित कर शिक्षण का कार्य कर रही है। सरकार के इन प्रयासों को सफल बनाने के लिए समाज एवं शिक्षित लोगों को भी इसमें सहयोग करने की आवश्कता है। उन्होंने सभी शिक्षा के महत्व को समझे एवं इसका उपयोग बेहतर समाजिक कार्यो में करे।
दीक्षांत समारोह में संबोधित करते हुए राज्यमंत्री, उ0प्र0 उच्च शिक्षा विभाग श्रीमती नीलिमा कटियार ने कहा कि आज दीक्षांत समारोह में जो छात्र-छात्रायें शिक्षा प्राप्त कर उपाद्यि एवं दीक्षा ग्रहण की है, वह इसको शिक्षा एवं समाजिक क्षेत्र में बेहतर रूप से कार्य में अपनायें। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में शिक्षा का वातावरण बना है और विश्वविद्यालओं में सत्र नियमित हुए है तथा परीक्षाओं की सुचिता नकलविहीन परीक्षायें होने से बढी है। उन्होंने उपाद्यि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के प्रति उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा की वह समाज के कार्यो में अपना मार्ग दर्शन देगें।
दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती नीलिमा कटियार ने विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये गये विशिष्ट कार्यो के संबंध में विस्तार से जानकारी दी तथा विभिन्न संकायों में पी0एच0डी0 की उपाद्यि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को दीक्षोपदेश एवं उपाद्यि प्रदान की। इस अवसर पर कला संकाय के 11, विज्ञान संकाय के 03, शिक्षा प्रशिक्षण संकाय के 106, जीव विज्ञान संकाय के 116, चिकित्सा संकाय के 88, व्यवसाय प्रबंधन संकाय के 193, इजिनियरिगं एवं टेक्नोलाजी संकाय के 475 तथा समाजिक कार्य एवं अन्य क्षेत्रों के 281 छात्र-छात्राओं को उपाद्यियाॅ प्रदान की गयी।
दीक्षांत समारोह में मण्डलायुक्त सुभाष चन्द शर्मा, आई.जी.जोन मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अंनत देव सहित विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, गणमान्य नागरिक एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।
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